Budget 2024 Expectations in Hindi

Budget 2024 – नई आयकर प्रणाली के तहत करदाताओं को वित्त मंत्री से और अधिक राहत की उम्मीद, इन बदलावों पर सबकी नजर

Budget 2024 सरकार चुनाव से पहले अपना अंतिम बजट पेश करने के लिए तैयार है, इस बजट में वेतनभोगी सरकार से और अधिक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स2विन के CEO और सह-संस्थापक अभिषेक सोनी के अनुसार पुरानी और नई दोनों कर(Tax) व्यवस्थाओं के लिए मूल छूट सीमा (Basic Exemption Limit) में वृद्धि की जा सकती है। तो दोस्तों इस ब्लॉग पोस्ट (Budget 2024 Expectations in Hindi) को लास्ट तक पढियेगा, आपको बजट से रिलेटेड बहुत अच्छी जानकारी मिलने वाली है।

सरकार नई कर प्रणाली को दे रही है बढ़ावा(Budget 2024)

केंद्रीय बजट 2023-24 के दौरान नई आयकर व्यवस्था के तहत करदाताओं को कई लाभ दिए जा सकते है। 1 फरवरी 2024 के दौरान पेश होने वाले अंतिम बजट(Budget 2024) में वित्त मंत्री की ओर से नई कर(Tax) प्रणाली के तहत टैक्सपेयर्स को मिलने वाली राहत में और इजाफा किया जा सकता है। सरकार की ओर से नई कर(Tax) प्रणाली को पेश किया जा रहा है, नई आयकर व्यवस्था (New Income Tax Regime) को सबसे पहले केंद्रीय बजट 2020-21 में पेश किया गया था। नई कर(Tax) प्रणाली 1 अप्रैल, 2023 से डिफॉल्ट विकल्प बन गई।

हालांकि करदाताओं के लिए पुरानी कर(Tax) व्यवस्था का विकल्प भी फिलहाल जारी है पर सरकार नई कर प्रणाली को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। पिछले साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इससे जुड़े कई जरूरी और सकारात्मक बदलाव किए थे। उस दौरान उन्होंने उच्च आय वाले व्यक्तियों के लिए अधिभार को कम करने का भी एलान किया था। उन्होंने स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत भी 50,000 रुपये की मानक कटौती की अनुमति दी थी। सरकार इस साल पेश होने वाले अंतिम बजट के दौरान नई आयकर व्यवस्था को और बढ़ावा दे सकती है।

मानक कटौती सीमा और एचआरए छूट बढ़ने की उम्मीद(Budget 2024)

नई व्यवस्था के तहत मानक कटौती सीमा और एचआरए छूट बढ़ने की उम्मीद सरकार आम चुनाव से पहले अपना अंतिम बजट पेश करने के लिए तैयार है, इस बजट में वेतनभोगी सरकार से और अधिक सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। टैक्स2विन के सीईओ और सह-संस्थापक अभिषेक सोनी के अनुसार पुरानी और नई दोनों कर(Tax) व्यवस्थाओं के लिए मूल छूट सीमा (Basic Exemption Limit) में वृद्धि की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, करदाता नई आयकर व्यवस्था के तहत मानक कटौती सीमा, एचआरए छूट और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम के लिए कटौती में इजाफे की उम्मीद जता रहे हैं।

एनपीएस लिमिट को बढ़ाया जा सकता है(Budget 2024)

एनपीएस लिमिट को बढ़ाया जा सकता है, टाटा पेंशन मैनेजमेंट के सीईओ कुरियन जोस ने दोनों कर व्यवस्थाओं के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) की सीमा बढ़ाकर 1,00,000 रुपये करने की सिफारिश की है। यह कदम आयकरदाताओं को नई कर(Tax) प्रणाली के बारे में विचार करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

आवास ऋण ब्याज के लिए कटौती(Budget 2024)

आवास ऋण पर लगाने वाले ब्याज के लिए कटौती हाउसिंग लोन वाले वेतनभोगी करदाता होम लोन के ब्याज कटौती से जुड़े संभावित नुकसान के कारण नई कर(Tax) व्यवस्था में शिफ्ट होने के प्रति परहेज करते हैं। अभिषेक सोनी का सुझाव है, कि Budget 2024 के अनुसार नई कर(Tax) व्यवस्था में आवास ऋण पर ब्याज के लिए कटौती को बढ़ाने से यह अधिक आकर्षक हो सकता है। आवास ऋण वाले कई मध्यम आय वाले करदाताओं को यह लाभ आकर्षक लगेगा। इससे उनमें नई कर प्रणाली के प्रति आकर्षण पैदा हो सकता है।

आइए देखते हैं, कि बजट 2023 में करदाताओं के लिए कौन-कौन से बदलाव किए गए?

बजट 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई आयकर व्यवस्था का चयन करने वाले कर दाताओं के लिए के लिए टैक्स स्लैब दरों में बदलाव किया था, जो इस प्रकार हैं-

3 लाख रुपये तक की आय पर 0 परसेंट कर (Tax)
3 से 6 लाख रुपये की आय पर 5 परसेंट कर (Tax)
6-9 लाख रुपये की आय पर 10 परसेंट कर (Tax)
9-12 लाख रुपये की आय पर 15 परसेंट कर (Tax)
12-15 लाख रुपये की आय पर 20 परसेंट कर (Tax)
15 लाख रुपये और उससे अधिक की आय पर 30 परसेंट कर (Tax)

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बजट का मुख्य उद्देश्य क्या है?

बजट का उद्देश्य – भावी परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकास कार्यक्रमों का निर्माण करना होता हैं।

भारत में बजट बनाने के प्रमुख चरण क्या हैं?

प्रथम चरण में बजट की रूपरेखा बनाई जाती है। दूसरे में इसका दस्तावेज तैयार किया जाता है। तीसरे चरण में इसे संसद में स्वीकृति के लिए लाया जाता है। चौथे चरण में बजट का क्रियान्वयन तथा पांचवें चरण में वित्त कोषों का लेखांकन तथा परीक्षण होता है।

बजट के कितने भाग होते हैं?

बजट के तीन भाग होते हैं. पहला सामान्य भाग, दूसरा आयोजना भिन्न-व्यय और तीसरा आयोजना परिव्यय

बजट के 3 मुख्य प्रकार कौन से हैं?

बजट के 3 मुख्य प्रकार संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट हैं।

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